The Basic Principles Of sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

Allows with Detrimental Past: It can help eliminate unfavorable karma in the earlier. The moment you start to recite this Mantra, you’ll see the main difference it tends to make in your way of life.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

मनचाहा फल पाने more info के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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